राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बांदीकुई में बुधवार सुबह प्रसूता व नवजात शिशु की मौत हो जाने से हडक़म्प मच गया और परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। इससे चिकित्सालय प्रशासन में भी खलबली मची रही और चिकित्सक मृतका के परिजनों को कक्ष में बुलाकर समझाइश करते रहे, लेकिन परिजनों ने चिकित्सालय प्रशासन पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग पर अड़े रहे। करीब पांच घण्टे बाद दोपहर करीब 2 बजे समझाइश पर परिजन शव को ले जाने पर सहमत हुए।
कमलेश देवी (28) पत्नी विशम्भरदयाल महावर निवासी थमावली के प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने मंगलवार रात करीब साढ़े 8 बजे राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। जहां सुबह करीब साढ़े 9 बजे प्रसव हुआ और कमलेशदेवी ने मृत बच्चे को जन्म दिया। हालांकि इसके कुछ देर बाद तक प्रसूता का स्वास्थ्य ठीक था और चिकित्साकर्मियों से बातचीत भी की, लेकिन इसके बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया। मामले की जानकारी लगते ही परिजनों ने चिकित्सालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध जताना शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि यह पहला प्रसव था।
भर्ती कराने के बाद से ही प्रसूता की चिकित्सकों ने सार-संभाल सहीं नहीं की। उन्हें सामान्य प्रसव होने की बात कहते रहे और बाद में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। इस दौरान लोगों की काफी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई। दोपहर करीब दो बजे परिजन शव ले जाने पर सहमत हुए। चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि बच्चे ने पेट में ही शौच कर दिया। इसके चलते बच्चे की मौत हुई है। जबकि प्रसूता के पहला प्रसव था और उसे बच्चे की मौत की जानकारी मिलते ही सदमे में आ गई और प्रथम दृष्टया सदमे से ही प्रसूता की मौत होना प्रतीत होता है।