ब्रिटिश सरकार को मिली खुफिया जानकारी, कोरोना के पीछे हो सकता है चीनी लैब



कोरोना वायरस चीन के ऐनिमल मार्केट से फैला, इस थियरी पर अभी भी कई लोग भरोसा नहीं कर रहे हैं। वायरस के प्रसार की वजह का पता लगाने के लिए सरकारें जासूसी भी करा रही हैं। ब्रिटेन सरकार को खुफिया सूचना मिली है कि वायरस का संक्रमण पहले चीनी लैब से जानवरों में हुआ और उसके बाद वह इंसानों में फैला जो घातक रूप ले चुका है।

लैब से जानवर, जानवरों के रास्ते इंसानों में
ब्रिटेन के शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि भले ही अब तक वैज्ञानिक सुझाव यही रहा हो कि वायरस वुहान के पशु बाजार से इंसानों में फैला, लेकिन चीनी लैब से हुई लीक के फैक्ट को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, बोरिस जॉनसन द्वारा गठित आपात कमिटी कोबरा के एक सदस्य ने कहा कि पिछली रात मिली खुफिया सूचना मिली जिसके मुताबिक इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है कि वायरस जानवरों से ही फैला है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया गया है कि वायरस वुहान के लैब से लीकर होकर ही सबसे पहले इंसानों में फैला था।



चमगादड़ से फैले कोरोना का भालू-बकरी से इलाज करेगा चीन!
चमगादड़ से फैले कोरोना का भालू-बकरी से इलाज करेगा चीन!कोरोना वायरस के इलाज के लिए चीन ने एक ऐसा कदम उठाया है जो पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है। चीन ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भालू के पित्त और बकरी सींगों से बनी दवाओं के इस्तेमाल को मंजरी दी है। देखिए ये विडियो रिपोर्ट।

पशु बाजार से ज्यादा दूर नहीं वायरोलॉजी सेंटर
कोबरा को सिक्यॉरिटी सर्विस ने इस संबंध में डिटेल जानकारी दी है। इसने कहा, 'वायरस की प्रकृति को लेकर एक विश्वसनीय वैकल्पिक विचार हैं। संभवतः यह महज संयोग नहीं है कि वुहान में लैब मौजूद हैं। इस तथ्य को छोड़ा नहीं जा सकता।' वुहान में इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मौजूद है। चीन में यह सबसे ऐडवांस लैब है। यह इंस्टिट्यूट जानवरों के बाजार से महज 10 मील दूर स्थित है। उल्लेखनीय है कि चीनी अखबार पीपल्स डेली ने 2018 में कहा था कि यह घातक इबोला वायरस जैसे माइक्रोॉगेनिजम पर प्रयोग करने में समक्ष है।



पहले लैब स्टाफ कर्मचारियों में हुआ संक्रमण?
ऐसी अपुष्ट खबरें भी आई थीं कि इंस्टिट्यूट के कर्मचारियों के ब्लड में इसका इन्फेक्शन हुआ और फिर इसने स्थानीय आबादी को संक्रमित किया है। वहीं वुहान सेटंर फॉर डिजिज कंट्रोल भी बाजार से तीन मील दूर है। माना जाता है कि यहां भी जानवरों जैसे चमगादड़ पर प्रयोग किए गए हैं ताकि कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन का पता चल सके।

2004 में चीनी लैब से हुई लीक के कारण घातक सार्स वायरस फैला था जिससे वहां एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 9 अन्य संक्रमित हो गए थे। चीनी सरकार ने तब कहा था कि यह लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था और 5 वरिष्ठ अधिकारियों को दंडित किया गया है।
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