बुधवार की देरारात झोपड़ी में अचानक भडक़ी आग में पिता-पुत्र जिंदा जल गए। स्थानीय लोग जब तक आग बुझा पाते तब तक पिता की मौत हो चुकी थी जबकि पुत्र की हालत नाजुक बनी हुई थी। उसे गंभीर अवस्था में उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सेमरिया थाने के बरों गांव की है। जानकारी के अनुसार अवध कुशवाहा बुधवार की रात अपने पुत्र के साथ खेत की रखवाली करने झोपड़े में गया था।
झोपड़े के अंदर ही दो बकरियां बंधी हुई थी जिन्होंने आग की सिगड़ी को गिरा दिया था। इसी दौरान झोपड़े में आग लग गई। उसके अंदर सो रहे पिता-पुत्र जिंदा जल गए। बुरी तरह झुलसे पिता ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि पुत्र गंभीर रूप से घायल है। देररात घटना से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया।
स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल आग को बुझाया गया। झुलसे पुत्र को एंबुलेंस की मदद से उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुरुवार की सुबह एफएसएल टीम के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉॅ. आरपी शुक्ला ने भी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया और भौतिक साक्ष्य एकत्र किये हैं। घायल पुत्र की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, वह बोलने की स्थिति में नहीं है। उधर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।