इसमें कोई दोराय नहीं कि पूजा पाठ करने से न केवल मन को शान्ति मिलती है, बल्कि भगवान् का आशीर्वाद भी मिलता है. हालांकि हर इंसान के लिए रोज मंदिर जाना मुमकिन नहीं होता और ऐसे में अक्सर लोग अपने घर में ही एक छोटा सा या अपने हिसाब से बड़ा मंदिर बनवा लेते है. गौरतलब है, कि घर में सुख शान्ति और सकारात्मक ऊर्जा बनाये रखने के लिए मंदिर का सही जगह पर स्थापित होना भी जरुरी है. बरहलाल यदि आप भी शुभ फल पाना चाहते है और अपने परिवार पर ईश्वर की कृपा दृष्टि बनाये रखना चाहते है तो घर में बनाये गए मंदिर के कुछ नियमो और विशेष बातों का ध्यान रखना भी जरुरी है.

अब घर के मंदिर में अलग अलग भगवान् की मूर्तियां रख कर उनकी पूजा अर्चना करने की रीत तो काफी पुरानी है, लेकिन अगर वास्तु शास्त्र की माने तो ऐसे भी कई देवी देवता है, जिनकी मूर्तियां घर के मंदिर में स्थापित नहीं करनी चाहिए या घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए. जी हां दरअसल ऐसा माना जाता है कि इन देवी देवताओ की मूर्तियां घर में रखने से घर से सुख शान्ति और समृद्धि सब चला जाता है. बता दे कि वास्तु विज्ञानं के अनुसार भगवान् भैरव की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए.

अब यूँ तो भगवान् भैरव शिव जी का ही रूप है, मगर भैरव एक तामसिक देवता है. ऐसे में तंत्र मंत्र का प्रयोग कर इनकी साधना की जाती है. इसलिए भगवान् भैरव की मूर्ति घर के मंदिर में या घर में न रखे. इसके इलावा शिव जी का एक और रूप जिसे नटराज के नाम से जाना जाता है, उन्हें भी घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए. जी हां वास्तु शास्त्र के अनुसार नटराज रूप वाली भगवान् शिव की प्रतिमा कभी घर के मंदिर या घर में नहीं रखनी चाहिए. वो इसलिए क्यूकि अपने इसी रूप में शिव जी तांडव करते है और यही वजह है कि इस मूर्ति को कभी मंदिर या घर में नहीं रखना चाहिए.

गौरतलब है, कि ग्रह शान्ति के लिए अक्सर शनि की पूजा अर्चना की जाती है, मगर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जी की मूर्ति कभी घर में नहीं लानी चाहिए. वैसे शनि जी की तरह ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु की पूजा करने की सलाह भी दी जाती है, मगर साथ ही इनकी मूर्ति घर में लाने से मना किया जाता है. वो इसलिए क्यूकि राहु और केतु दोनों ही छाया ग्रह होने के साथ साथ पाप ग्रह भी होते है. वैसे वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि घर के मंदिर में भगवान् की केवल सौम्य यानि कोमल मूर्तियां ही रखनी चाहिए और ऐसे में माँ दुर्गा की कालरात्रि स्वरूप वाली मूर्ति भी घर में या मंदिर में नहीं रखनी चाहिए.
