दिल्ली के जामिया हिंसा मामले में गिरफ्तार जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने साकेत कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया है। इसमें बताया गया है कि बीते 13 दिसंबर को उसने भड़काऊ भाषण दिया जिसके चलते लोग उग्र हुए और 15 दिसंबर को हिंसा भड़क उठी। इस मामले में देशद्रोह की धारा भी शरजील पर लगाई गई है।
आरोप पत्र के मुताबिक 13 दिसंबर 2019 को शरजील ने शाहीन बाग में देश तोड़ने की बात कही थी। पुलिस ने शरजील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है। 18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें शरजील पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। शरजील को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था। पिछले 12 फरवरी को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में शरजील को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार बीते 15 दिसंबर को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर सीएए के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इसे लेकर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने और जामिया थाने में मामला दर्ज किया गया था। यहां मौजूद भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही काफी गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी थी। इस घटना को लेकर दंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। इस घटना में कई पुलिसकर्मी एवं आम लोग घायल हुए थे।
पुलिस के अनुसार इस मामले में दंगा करने वाले आरोपियों के खिलाफ डीसीपी राजेश देव की देखरेख में एसआईटी ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इस मामले में बाद में शरजील इमाम की गिरफ्तारी की गई थी जिसके चलते अब अदालत के समक्ष क्राइम ब्रांच ने पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। उसके खिलाफ आरोप पत्र में देशद्रोह का भी आरोप है। इस मामले में आगे छानबीन अभी चल रही है।