आजकल भागदौड़ की जिंदगी में हर किसी को प्रचुर मात्रा में आहार नहीं मिल पाता है लेकिन फिर भी कहीं न कहीं कुछ न कुछ कमी हो ही जाती है। इसी बिगड़ी जीवन-शैली के कारण जब रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे नशों में रक्त के स्राव में रुकावट आने लगती है। इसके चलते व्यक्ति के हृदय में भी रक्त के प्रवाह में बाधा आ जाती है। जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी समस्याएं उतपन्न होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिनसे नशों की ब्लॉकेज को खोलने में आपको मदद मिल सकती है, ऐसे में व्यक्ति को सर्जरी व दवाईयों का सहारा शायद ही लेना पड़े।
नसों में होने वाले दर्द की पहचान करें :
अगर आपके शरीर में कोई भी नस किसी भी प्रकार से सही तरीके से काम नहीं करता है तो आप अपने पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है और फिर नस में दर्द होने लगता है। नस के दबने से जो हर्नियेटेड डिस्क, आर्थराइटिस या बोन स्पर के कारण हो सकता है। चोट लगने, गलत तरीके के पोस्चर में बैठने से, या फिर खेल और मोटापे जैसी स्थितियों और गतिविधियों से भी नसों में दर्द हो सकता है। पूरे शरीर में किसी भी जगह की नस दबाने से पीड़ा हो सकती है लेकिन ये आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन), गर्दन, कलाई और कोहनियों में पाई जाती है। इससे आपके नस में सूजन आ जाता है जो आपकी नसों को संकुचित कर देती है और इससे नस में दर्द होने लगता है।
कैसे करे दर्द का छुटकारा :
अगर आपके नस में दर्द होता है तो आपको डायग्नोसिस हो जाता है यानि आपको अपनी देखभाल करना शुरू कर देना चाहिए। इससे आपको भी वो हिस्सा सही से काम नहीं करता है। मांसपेशियों, जोड़ों और टेंडॉन्स के बार-बार उपयोग से नस में होने वाले दर्द की स्थिति और खराब हो जाएगी क्योंकि प्रभावित हिस्से लगातार सूजे रहते हैं और नस को दबाते रहते हैं। किसी भी दबी हुई नस के दर्द में तुरंत थोडा आराम पाने का सबसे आसान तरीका यह है कि प्रभावित नस और उसके चारों और के हिस्सों को सूजन और दबाव पूरी तरह से शांत होने तक आराम दिया जाये।
वहीं प्रभावित हिस्से को अगर ज्यादातर प्रयोग करते हैं तो इसका सीधा प्रभाव दिखाई देता है। अगर आप ज्यादा सोते हैं तो कम हिलते-डुलते हैं। इससे न सिर्फ आप प्रभावित हिस्से का उपयोग कम कर पाएंगे बल्कि सोने से आपके शरीर को खुद को ठीक करने के लिए अधिक समय भी मिल जायेगा।
अगर आपकी गर्दन की नस में दर्द होता है तो एक नैक-ब्रेस के उपयोग से पूरे दिन मांसपेशियों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी। वहीं उसे हिस्से पर या तो स्टोर से ख़रीदे हुए आइस पैक को रखें या घर पर बनाये आइस पैक का उपयोग हल्के दबाव के साथ करें। हल्का दबाव प्रभावित हिस्से को ठंडक देने में मदद करेगा। अपनी स्किन और आइस पैक के बीच एक नर्म कपडा रखें जिससे ठण्ड से स्किन को नुकसान नहीं पहुंचेगा। ध्यान रहे कि इसे 15 मिनट से ज्यादा उपयोग न करें अन्यथा रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है जिससे दर्द देर से ठीक होता है।