अगर खुल जाती है आधी रात को आपकी नींद तो जल्द ही संभल जाइए वरना…




दिन भर की थकान के बाद अगर सुकून की नींद मिल जाए तो दूसरे दिन नई शुरुआत करना बहुत ही फ्रेश होता है। लेकिन यह रात की सुकून भरी नींद हर किसी के खाते में दर्ज नहीं होती है। अगर आपको भी चैन की नींद नहीं आती और रात में एक नि‌श्चित समय पर आपकी नींद खुल जाती है तो इसे आप हल्के में ना लें। जी हां रात में एक विशेष समय पर रोज नींद का खुलना आम नहीं होता। इसका मतलब होता है कि कोई हमसे कुछ कहना चाहता है। अगर आपकी आंख भी रात में सोते समय बेमतलब ही कई बार खुलती है तो आप कटस्ट्रोफिसिंग या नाइट ड्रेड नामक बीमारी के शि‍कार हो सकते हैं। इस बीमारी में आधी रात में नींद खुल जाती है और इंसान चौंक कर बैठ जाता है।
रात को नींद नहीं आने की सबसे अहम वजह है टाइम शेड्यूल। लोग सोने का समय फिक्स नहीं रखते। रात को प्रॉपर नींद न आने की वजह एक खास वजह दिन में लंबे समय तक सोना भी है। अगर आप रात को अच्छी नींद चाहते हैं तो आप व्यवस्थित तरीके से अपना काम करें।अगर आपको जल्दी सोने की आदत है और रात नौ से 10 के बीच रोज आपकी नींद खुल जाती है तो इसका मतलब है कि आप मानसिक रूप से परेशान हैं इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए ध्यान व योग का सहारा लेना शुरू कर दें।

अगर आपकी नींद रात 11 से एक बजे के बीच खुलती है तो इसका मतलब है कि आपके अंदर भावनात्मक द्वंद चल रहा है। रात को एक से तीन बजे के बीच नींद खुलने का मतलब है कि आपने अंदर गुस्से को दबा रखा है। इस वजह से आपको स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी हो सकती है। इसीलिए आपको एक ठंडा गिलास पानी पीकर सोना चाहिए। सुबह देरी से उठने वालों की नींद अगर सुबह पांच से सात के बीच खुलती है तो इसका मतलब कि आप भावनाओं के दबाव में हैं।


नाइट ड्रेड नामक बीमारी के कई कारण हो सकते हैं जैसे देर रात तक जागना, खानपान की आदतों का खराब होना, डिप्रेशन और मेनोपॉज जल्द हो जाना। इस बीमारी का प्रतिशत हर रोज बढ़ता जा रहा है और इसके शि‍कार स्कूली बच्चे भी हो रहे हैं। इस बीमारी में लोग अकारण डर के शि‍कार हो जाते हैं और बिना बात के ही जल्दी हाइपर होने लगते हैं। यह बीमारी ज्यादातर नकारात्मक सोच रखने वालों को अपनी गिरफ्त में लेती है। बच्चों में भी इस तरह एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर देखने को मिल रहा है। यह ऐसे लोगों के साथ होता है जो लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

अपने दिमाग में सकारात्मक भाव लाने के प्रयास करें, मन की बातों को किसी करीबी से शेयर करें या फिर अपनी भावनाओं को डायरी में लिखना शुरू कर दें, इस समस्या को समय रहते ठीक करना बहुत जरुरी है। रात में सोते समय आप अच्छी किताब पढ़ने की आदत डालें, साथ ही लड़ाई-झगड़े वाली मूवीज और गेम्स से दूर रहें।

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