बिहार के शिक्षा व्यवस्था की उड़ी धज्जियां, पिछले साल की तरह इस साल का टॉपर भी रियलटी टेस्ट में हुआ “फ़ेल”



बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) द्वारा हाल ही में जारी परीक्षा परिणाम में इंटर के टॉपर गणेश को लेकर चल रहे विवाद पर सत्तारूढ़ जदयू ने आरोप लगाया है कि दलित होने के कारण उसे कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि दलित होने के कारण उसकी मेधा पर सवाल उठाया जा रहा है। नीरज कुमार ने कहा कि दलित छात्र को भी टॉपर होने का पूरा हक है। दलित होने के कारण उसका मीडिया द्वारा ट्रोल किया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने गणेश कुमार के मसले पर खुली बहस की चुनौती दी है।

आपको बता दे कि पिछले साल बिहार बोर्ड का रिजल्ट घोषित होने के बाद देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ था। टॉपर घोटाले के कारण बिहार और राज्य की शिक्षा व्यवस्था की जमकर खिल्ली भी उड़ी थी। इस साल रिजल्ट आने के बाद एक बार फिर से वही सब देखने को मिल रहा है। इस साल 12वीं की परीक्षा में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों संकायों में सिर्फ 35 फीसद छात्र ही पास हुए हैं। विवाद सिर्फ रिजल्ट खराब आना ही नहीं है बल्कि पिछली बार की टॉपर रूबी राय की तरह ही इस बार का टॉपर भी अपने विषय में फिसड्डी दिख रहा है।

बता दें कि इंटर परीक्षा में कला संकाय में राज्य में सबसे ज्यादा 82 प्रतिशत अंक गणेश कुमार ने हासिल किए हैं। आरोप है कि गणेश को मुख्य विषय संगीत की कोई जानकारी ही नहीं है, जबकि इस विषय के प्रायोगिक परीक्षा में उन्हें 70 में से 65 अंक मिले हैं।
पिछले साल रिजल्ट आया था तो तमाम मीडियाकर्मी टॉपर रूबी राय का इंटरव्यू करने पहुंचे गए थे। लेकिन बेचारी रूबी को नहीं पता था कि उनकी यह काबिलियत एक ऐसे घोटाले का खुलासा कर देगी, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने न सिर्फ कैमरे के सामने पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस बताया, बल्कि यह भी कहा कि इस विषय में खाना बनाने के बारे में सिखाया जाता है।
कुछ ऐसे ही निकले इस बार के टापर गणेश कुमार। जब गणेश से पूछा गया कि गद्य और पद्य में क्या अंतर है? उत्तर देने के बदले गणेश चुपचाप रहा। सुर-ताल में क्या फर्क है? जब हम जोर से और धीरे बोलते हैं, तो उसे ही सुर-ताल कहते हैं। यह जवाब इस बार के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार का है, जबकि हिंदी में उसे 100 में 92 और संगीत में 100 में 83 अंक मिले हैं।

अगर गौर किया जाए तो हम पायेंगे कि इंटर में पढ़ने वाले छात्रों की उम्र 17 से 18 वर्ष की होती है। लेकिन यहा मामला कुछ अलग ही है, आस पास से पता किया गया की गणेश की उम्र 24 साल है। गणेश के विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र में उसकी जन्म तिथि 2 जून, 1993 अंकित है। सोचने वाली बात तो यह है की गणेश जिला मुख्यालय में कमरा लेकर 22 किलोमीटर दूर स्कूल में रोज पढ़ने जाया करता था, जैसा की खुद गणेश ने बताया।

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