बंगलुरु के राजा जी नगर में एक 15 वर्षीय, कक्षा 9 में पढ़ने वाली लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर अपने 41 वर्षीय पिता जयकुमार की हत्या कर दी. हत्या को जिस तरह से अंजाम दिया गया वो दर्शाता है कि घटना को अंजाम देने से पहले पूरी प्लानिंग की गई थी. जयकुमार का परिवार मूल रूप से जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है. बंगलुरु में जयकुमार का जेवेलेरी का बड़ा व्यपार है. घटना शनिवार रविवार की रात की है. 15 वर्षिय नाबालिग ने अपने पिता को रात में दूध में कुछ ऐसी दवाई मिला के दी कि वो बेहोशी की हालत में आ गए. जब जयकुमार बेहोश हो गए तो लड़की ने थप्पड़ मार कर इस बात की पुष्टि कर ली को उसके पिता बेहोश हो चुके हैं. इसके बाद उसने अपने 19 साल के प्रेमी प्रवीण को अपने घर बुलाया. दोनों ने पहले चाकू से गोद कर जयकुमार की सांसों को बंद कर दिया उसके बाद सुबह होने का इंतज़ार किया.
बेटी ही पास के पट्रोल पम्प से 2 लीटर पेट्रोल लाई
सुबह नाबालिग बेटी पास के पेट्रोल पंप से जा कर दो लीटर पेट्रोल ले कर आई. पिता की लाश को बाथरूम ले जाया गया और उसमें आग लगा दी. इस क्रम में दोनों प्रेमी प्रेमिका के पांव भी झुलस गए. घर से आग की लपटें निकलती देख पड़ोसियों ने सूचना फायर डिपार्टमेंट को दी. आग बुझाने पहुंचे फायर कर्मी जब बाथरूम तक पहुचे तो वहां जय कुमार की झुलसी हुई लाश देख कर पुलिस को सूचना दी. मौका ए वारदात पर जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो लड़की ने पहले बहाना बनाया पर बिस्तर पर मौजूद खून के धब्बो ने उन्हें सच बोलने पर मजबूर कर दिया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. प्रवीण को जंहा जेल भेजा गया है वहीं नाबालिग लड़की को बाल सुधार घर पहुंचा दिया गया है. जिस समय इस घटना को अंजाम दिया जा रहा था उस समय घर पर कोई और मौजूद नहीं था. जयकुमार की पत्नी अपने बेटे को ले कर किसी समारोह में शामिल होने के लिए पुड्डुचेरी गई हुई थी. घर में सिर्फ पिता और बेटी मौजूद थे.
इस पूरे घटना का कारण है बेटी से मोबाइल छीनना
घटना के पीछे के कारण भी चौकाने वाले है. नाबालिग बेटी की पहचान अपने प्रेमी प्रवीण से पिछले 5 सालों से है. दोनों एक ही स्कूल में साथ साथ पढ़ते थे. प्रवीण 3 साल सीनियर था. पहले दोनों की मुलाकात स्कूल में ही होती थी पर स्कूल पास कर जब प्रवीण कॉलेज चला गया तो दोनों बाहर सड़कों पर या बड़े बड़े मॉल पर मिलने लगे. दोनों की फोन पर घंटो बात भी होती थी. बात ज्यादा दिनों तक छुपी नही रही. जयकुमार को जब पता लगा तो उन्होंने ना सिर्फ अपनी बेटी का फोन छीन लिया बल्कि उसकी पिटाई भी की. जयकुमार चाहता था कि वो प्रवीण से अपनी दोस्ती को खत्म कर ले. प्रतिबंध लगने के बाद भी दोनों की दोस्ती खत्म नहीं हुई. प्रवीण ने लड़की को एक फोन ला कर दे दिया था अब वो चोरी चोरी एक दूसरे से मिलते और बाते करते थे. बेटी की आजादी खत्म हो गई थी और इस बात से बुरी तरह परेशान थी. वो किसी भी तरीके से इस हालत से उभरना चाहती थी. इसके लिए उसने तय किया कि वो पिता को ही रास्ते से हटा देगी.