
गौरतलब है, कि केवल सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी ये माना जाता है, कि मृत व्यक्ति के बिस्तर को घर में नहीं रखना चाहिए. दरसअल ऐसा माना जाता है, कि यदि मृत व्यक्ति के बिस्तर को घर में रखा जाए तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. वही धर्म ग्रंथो के अनुसार मृत्यु के बारह दिन तक परिवार पर सूतक का साया मंडराता रहता है.
ऐसे में न तो मंदिर जाया जाता है और न ही कोई पूजा अर्चना की जाती है. बता दे कि सूतक खत्म होने के बाद मृत व्यक्ति का सारा सामान और उसका बिस्तर तक दान दिया जाता है. इसके इलावा वैज्ञानिक तौर पर ऐसा माना जाता है, कि परिवार के लोग मृत व्यक्ति का सामान देख कर उससे अपना मोह नहीं त्याग पाते और ऐसे में वो हर समय दुखी रहते है. इसलिए उनके सामान को दान देने की परम्परा बनाई गई है.