कोरोना वायरस की वजह से ब्रिटेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 13 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका वकील मधुरिमा मृदुल ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुनील फर्नांडीस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने की वजह से ब्रिटेन में फंसे भारतीय छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं है कि वो भारत आ सकें। याचिका में कहा गया है कि ब्रिटिश सरकार विदेशी छात्रों की मदद कर रही है और उन्हें यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों से निकाला नहीं जा रहा है। लेकिन जो छात्र निजी रूप से किराये पर रह रहे हैं वे किराया देने में भी असमर्थ हैं।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 22 मार्च को सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद करने का आदेश दिया था। इसकी वजह से कई भारतीय छात्र जिन्होंने भारत आने के लिए टिकट बुक करा लिया था वे वहीं फंस गए। याचिका में कहा गया है कि भारत ही संभवत: ऐसा देश है जिसने अपने नागरिकों को भी विदेश में आने पर पाबंदी लगा रखी है। दुनिया के दूसरे देश अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं लेकिन भारत अपने देश के ही नागरिकों को वापस नहीं ला रहा है।
याचिका में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को वापस अपने देश में आने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि छात्रों को ब्रिटेन से लाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं और उनके भारत आने पर 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन पर रखा जाए।