मासूम फरहान के पिता आरिफ की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। रोते-रोते बस यही कहे जा रहे थे कि उनका बच्चा आज ट्यूशन न जाने की जिद कर रहा था। मैंने रविवार को छुट्टी होने की बात कहकर उसे जबरन भेज दिया और वह हमेशा के लिए दुनिया छोड़कर चला गया। उधर, मासूम दीशू फौजी बनना चाहता था। परिजनों ने दो दिन पूर्व ही उसे फौजी की यूनिफॉर्म दिलवाई थी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। हादसे में मासूम कृष्णा की तो मौत हुई ही, उसके भाई नितिन व बहन उमा जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उधर, कोचिंग संचालक उमेश के बड़े भाई हरिशंकर ने उसकी लाश देखी तो वह बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक साथ चार बच्चों और उमेश की मौत से मोहल्ले में कोहराम मचा हुआ था। वहां हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी। दीशू के पिता महिपाल ने बताया कि उनका बेटा 7वीं कक्षा में था। बुधवार को ही दीशू की दादी बट्टी की बीमारी से मौत हुई थी। घर में पहले से मातम का माहौल था। अब दीशू की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। प्रोविजनल स्टोर चलाने वाले महिपाल के परिवार में पत्नी संगीता, बड़ा बेटा दीपक और बेटी मन्नत हैं। दूसरी ओर, फरहान पहली कक्षा में पढ़ता था। इसके परिवार में मां, एक भाई व बहन हैं। पिता टेलर का काम करता है।
फरहान की मौत से परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है। दूसरी ओर, कृष्णा के परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसके पिता रमेश ने बताया कि उनके तीन बच्चे ट्यूशन पढ़ने जाते थे। इनमें कृष्णा के अलावा नितिन (13) और उमा (7) हैं। कृष्णा की मौत हो गई। नितिन व उमा बुरी तरह जख्मी हो गए। दोनों जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं। रमेश चांद बाग में फैक्टरी में काम करता है। रमेश के पड़ोस में रहने वाली मासूम आरती उर्फ शालू (10) भी जख्मी है। उधर, उमेश की मौत के बाद से उसकी पत्नी रुचि की हालत भी खराब है।