सावन के सोमवार को भगवान् भोलेनाथ को चढ़ा दे सिर्फ एक चीज, हर मनोकामना होगी पूरी !



धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सावन का महीना भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. गौरतलब है कि सावन का महीना से शुरू होने वाला है. इसके इलावा ऐसा माना जा रहा है, कि इस बार का सावन बेहद शुभ है और कई सालो बाद ऐसा शुभ संयोग बना है. इसकी एक वजह ये भी है कि इस बार का सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म होगा. वैसे आपको बता दे कि इस बार सावन के महीने में पांच सोमवार होंगे. ऐसे में आप भगवान् शिव को फुरसत से प्रसन्न भी कर सकेंगे. गौरतलब है, कि आप भगवान् शिव को प्रसन्न करके अपना मनचाहा फल प्राप्त कर सकते है.
इसके साथ ही सावन के महीने में कुछ खास उपाय करने से आपकी हर मनोकामना भी पूरी होगी. बरहलाल सावन के महीने में बहुत से लोग भगवान् शिव पर बिल्व पत्र चढ़ाते है. मगर बिल्व पत्र चढाने का सही तरीका और नियम क्या है, ये बहुत कम लोग जानते है. इसलिए आज हम आपको बिल्व पत्र के बारे में कुछ बताना चाहते है.
गौरतलब है, कि चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी, अष्टमी और अमाशय तिथियों को संक्रांति के समय और सोमवार के दिन कभी बिल्व पत्र नहीं तोड़ने चाहिए. ऐसे में यदि आप बिल्व पत्र भगवान् शिव को अर्पित करना चाहते है तो इसे एक दिन पहले ही तोड़ लीजिये. इसके साथ ही शास्त्रों में ये कहा जाता है, कि यदि आपको नया बिल्व पत्र न मिले तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्यूकि आप किसी और द्वारा चढ़ाएं बिल्व पत्र धोकर उन्हें दोबारा शिव जी पर चढ़ा सकते है.
वैसे भी भगवान् शिव केवल अपने भक्तो के भाव देखते है. वही स्कन्द पुराण के श्लोक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति एक ही बिल्व पत्र को बार बार धोकर और स्वच्छ करके भगवान् शिव पर चढ़ाता है, तो भगवान् उसे भी स्वीकार कर लेते है और इससे भी प्रसन्न हो जाते है. गौरतलब है, कि भगवान् शिव को बिल्व पत्र बहुत प्रिय है. इसलिए इसकी टहनी तोड़ कर इसे कभी बर्बाद न करे, बल्कि आपको जितने पत्तो की जरूरत है, केवल उतने ही तोड़े.
ऐसे में यदि आप इसके तोड़े गए पत्तो को या टहनी को बर्बाद करते है, तो भगवान् शिव को चढ़ाये जाने वाले बिल्व पत्र से मिलने वाला फल भी नष्ट हो जाता है. इसके इलावा बिल्व पत्र तोड़ने से पहले और तोड़ने के बाद इसके वृक्ष को प्रणाम करना कभी न भूले. इसके साथ ही कुछ उपाय ऐसे है, जो बिल्व पत्र तोड़ने से पहले आपको करने है. गौरतलब है, कि जब भी आप भगवान् शिव को बिल्व पत्र अर्पित करे तो उसे उल्टा करके ही अर्पित करे. यानि पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर रहना जरुरी है.
इसके इलावा सूर्यास्त के बाद बिल्व पत्र कभी नहीं तोड़ने चाहिए और न ही खंडित बिल्व पत्र भगवान् शिव को चढाने चाहिए. इसके साथ ही शिवलिंग पर दूसरे के बिल्व पत्र आपके द्वारा चढाने पर कभी उनका अनादर न करे और उन्हें भी आदर सहित वैसे ही रहने दे जैसे आप अपने बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाते है. इसके इलावा भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए इस सावन के पांचो सोमवार को इक्कीस बिल्व पत्रों पर लाल चंदन से ॐ नमः शिवाय लिख कर शिवलिंग पर चढ़ा दे. वैसे अगर आप चाहे तो पूरे सावन के महीने में भी ऐसा कर सकते है. बता दे कि इस उपाय से भगवान् भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते है और आपकी हर मनोकामना पूरी कर देते है.

इसके साथ ही बहुत से ऋषि मुनि भी सदियों से भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए यही उपाय करते आये है. तो इस बार आप भी ये उपाय आजमाइए और भगवान् शिव को प्रसन्न कर अपनी हर मनोकामना पूरी कीजिये.

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