देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। गुरुवार को मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने इस आदेश की जानकारी दते हुए बताया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वालों की न सिर्फ स्क्रीनिंग होगी बल्कि बस में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का ध्यान भी रखा जाएगा।
श्रीवास्तव ने एक प्रश्न कि छात्रों या अन्य लोगों को स्पेशल ट्रेन से भेजा जाए। इसके लिए कई राज्य सरकारों ने भी मांग की है, को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल बस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बस को सैनिटाइज्ड किया जाएगा और व्यक्ति के अपने गंतव्य तक पहुंचने पर हेल्थ चेकअप होगा। कोई लक्षण न मिलने पर भी उसे 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन किया जाएगा। इसके अलावा समय-समय पर स्वास्थ्य का परीक्षण भी होगा।
उन्होंने अंतरराज्यीय टीम (आईएमसीटी) के हैदराबाद के दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि हैदराबाद का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम ने पाया है कि राज्य के पास पर्याप्त संख्या में टेस्ट किट, पीपीई आदि हैं। राज्य मरीजों को परीक्षण से लेकर डिस्चार्ज तक ट्रैक करने के लिए एंड-टू-एंड आईटी डैशबोर्ड का उपयोग कर रहा है।