मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाबा केदारनाथ के कपाट आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट में खोल दिए गए। कपाट खुलने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से रुद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई। हालांकि कोरोना संकट के चलते फिलहाल श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं हैं। ऐसा पहली बार हुआ होगा जब मंदिर कपाट खुलने के दौरान यहां भक्तों की लाइन नहीं थी।
महज 15 से 16 लोग ही वहां मौजूद थे। केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में हैं इसलिए उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की परंपरा का निर्वहन किया। रावल 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड लौटे हैं, क्वारंटीन खत्म करने के बाद 3 मई को वह केदारनाथ पहुंचेंगे। उनके साथ देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि के तौर पर बीडी सिंह समेत पंचगाई से संबंधित 20 कर्मचारी कपाट खुलने पर यहां पहुंचे। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के करीब 15 लोग यहां मौजूद रहे।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुई पूजा कोरोना संकट के बीच मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया। मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी। पर्यटन-धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने यात्रा संबंधी व्यवस्थाओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं ताकि कोरोना महामारी की समाप्ति के बाद उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों के तहत प्रदेश में चारधाम यात्रा को पटरी पर लाया जा सके।
15 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।