केरल के कन्नूर हवाईअड्डे पर एक शख्स को करीब सात लाख रुपये कीमत की भांग के साथ दबोचा गया। उस शख्स ने चप्पलों में भांग को छिपाया हुआ था। एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ जवानों ने भांग बरामद की। बता दें की समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक अजास वलियाबल्लात नाम के यात्री को भांग के साथ पकड़ा गया। बाद में शख्स और भांग को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के हवाले कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स की चप्पलों में करीब 910 ग्राम भांग छिपाई गई थी। भांग को चप्पलों के तल्ले में पन्नी में लपेटकर कुछ इस तरह रखा गया था कि वह उसमें छिप जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में भांग और गांजा पर प्रतिबंध है। हालांकि कुछ राज्यों में भांग को कानूनी मान्यता दी गई है लेकिन गांजा पूरी तरह से बैन बताया जाता है। समय-समय पर भांग और गांजे के उत्पादन और कारोबार को मान्यता देने को लेकर मांग उठती रही है। भांग और गांजा का इस्तेमाल औषधीय लाभों के लिए करने को लेकर योगगुरु रामदेव के साथी आचार्य बालकृष्ण भी मांग रख चुके हैं। उनका कहना है कि भांग और गांजे के नशे वाले तत्वों के अलावा उनमें व्याप्त औषधीय तत्वों को लेकर शोध किए जाने चाहिए जो मनुष्य के लिए औषधि का काम कर सकें।
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर भी भारत में भांग और गांजे को लीगल करने को लेकर एक लेख के माध्यम से मांग कर चुके हैं। साल भर पहले जून 2018 में शशि थरूर ने एक लेख के माध्यम से कहा था कि भांग और गांजा को कानूनी मान्यता देने से इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियां देश में पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी। थरूर ने बताया था कि 1985 में पहली बार भारतीय कानून में भांग को प्रतिबंधित किया गया था। इससे Qकरीब दो दशक पहले यानी 1961 में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारकोटिक ड्रग्स संधि पर हस्ताक्षर किए थे।