देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश को गति देने के लिए गठित विशेष कार्यदल (टास्क फोर्स) की अंतिम रिपोर्ट वित्त मंत्रालय ने गुरुवार जारी कर दी। इस रिपोर्ट को मंत्रालय वित मंत्रालय ने आर्थिक कार्य विभाग की वेबसाइट पर जारी कर दी है। इसकी जानकारी मंत्रालय ने ट्वीट कर दी है। गौरतलब है कि एनआईपी ने बुधवार को वित मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) कार्यदल ने वित मंत्री को सौंपे रिपोर्ट में कारोबारी साल 2019-25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य पेश किया है।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में वित मंत्रालय ने गठित इस विशेष कार्यदल के जरिए 102 लाख करोड़ रुपये के निवेश की कल्पना की थी। टास्क फोर्स ने जो अंतिम रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है। उस रिपोर्ट में सरकार से संबंधित राज्य सरकारों, मंत्रालयों और विभागों से विचार-विमर्श के माध्यम से इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने की सिफारिश की गई है।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की अगुवाई में गठित टास्क फोर्स ने वित्त मंत्री को ये रिपोर्ट सौंपी थी। चक्रवर्ती ने वित्त वर्ष 2020-25 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर को मजबूती देने के लिए जरूरी सामाजिक और आर्थिक ढांचा तैयार करने की सिफारिश की है। इन पर अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये की निवेश योजनाओं से जुड़ी अंतिम रिपोर्ट सौंपी है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी, देरी को कम करने और वित्तीय संसाधन को बढ़ाने के लिए 3 अलग-अलग समितियों का भी गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कॉरपोरेट बांड बाजार का विस्तार करने (म्यूनिसिपल बांड सहित), इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की स्थापना करना, इन्फ्रास्ट्रक्चर असेट्स के मोनेटाइजेशन व लैंड मोनेटाइजेशन में तेजी लाना भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुल 111 लाख करोड़ रुपये के संभावित पूंजीगत खर्च में से 44 लाख करोड़ रुपये मूल्य की 40 फीसदी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं, 33 लाख करोड़ रुपये या 30 फीसदी परियोजनाएं वैचारिक चरण में हैं। यह अपने तरह की अनूठी योजना है।