यूं तो भारत को साधूओं का देश भी कहा जाता है क्योंकि हमारे देश मे पुजा पाठ आदि में लोगो की गहरी आस्था होती है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक पूरे देश भर में एक से बढ़कर एक मंदिर है जिसके दर्शन के लिए लोग ना सिर्फ देश से बल्कि विदेशों से भी आते है। हर मंदिर की कुछ ना कुछ अलग खसियत होती है, जिसकी वजह से लोग आकर्षित होते है। कुछ ऐसा ही है गुजरात के सौराष्ट्र स्थित सारंगपुर गांव के कष्टभंजन हनुमान जी का मंदिर। इस मंदिर को लेकर ऐसा माना जाता है की यहा हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही किसी भी जातक का भूत, प्रेत, ब्रह्मराक्षस आदि तमाम तरह की बाधाएँ तुरंत दूर हो जाती है।
ऐसी मान्यता है की सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान के इस धाम को पीड़ितजनों का उद्धार स्थल कहा जाता है। लोगों के अनुसार यहां हर जाति, धर्म के लोग आते हैं, कहा जाता है कि भूत-प्रेत-पिशाच तथा ब्रह्मराक्षस आदि से पीड़ित व्यक्ति पर यहां का पुजारी जैसे ही मंत्र पढ़कर जल छिड़कते उसी क्षण मानव शरीर बुरी आत्मा निकाल कर सामने आ जाती है जिसके बाद पुजारी उस आत्मा से बातें कर के शरीर पर कब्जा करने का कारण तथा उसके कष्ट का समाधान भी बताता है।
कई बार ऐसा भी होता है की ये आत्मायेँ पीड़ित को नहीं छोडऩे का हठ करती हैं लेकिन जैसे ही उन्हें स्वामी गोपालानंद की छड़ी दिखाई जाती है, वे चीखने-चिल्लाने लगती हैं और फिर उस व्यक्ति को कभी परेशान न करने का वचन देकर वहां से भाग खड़ी होती हैं। इस तरह का दृश्य इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को देखने को मिलता है, जहां हजारों श्रद्धालु कष्टभंजनदेव का दर्शन कर अपने विविध कष्टों से निजात पाते हैं।