आगरा के बटेश्वर में शुक्रवार की सुबह बंदर के हमले से बचने को दो साल के मासूम बच्चे ने कमरे की कुंडी बंद कर ली। बाद में वो कुंडी नहीं खोल पाया। बच्चे के चीखने- चिल्लाने और रोने की आवाज पर दौड़े घरवालों ने करीब तीन घंटे बाद पड़ोसियों की मदद से दरवाजा काटकर बच्चे को बाहर निकाला। बाह क्षेत्र में बंदरों का उत्पात बना हुआ है।
आए दिन इनके हमले से कोई न कोई घायल होता रहा है। बटेश्वर, जरार, जैतपुर में तो लोगों की जान भी जा चुकी है। शुक्रवार की सुबह बटेश्वर के तलहटी मोहल्ले में बंदर को देखकर सुभाष का दो वर्षीय पुत्र आयुष चीखने-चिल्लाने लगा। इस पर उसकी मां रीता देवी ने कमरे में जाकर दरवाजा बंदकर लेने के लिए कह दिया। बच्चे ने भीतर से दरवाजे की कुंडी लगा ली।
घरेलू काम खत्म करने के बाद मां ने बच्चे से कुंडी खोलने के लिए कहा, तो पता चला कि वो कुंडी नहीं खोल पा रहा था। इधर, काफी देर से कमरे में बंद होने और भूख के कारण मासूम रोने लगा। यह देख रीता देवी भी परेशान हो उठी। महिला की चीख-पुकार सुनकर घर के अन्य सदस्यों के साथ पड़ोस के लोग भी जुट गए। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद दरवाजा तोड़कर बच्चे को बाहर निकाला जा सका।