कोविड-19 के मरीजों के बढ़ने की रफ्तार तेज हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से 32 लोगों की मौत हो गई है और 773 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कुछ मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन इस संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी और लॉकडाउन काफी हद तक कारगर सिद्ध हुए हैं। इसके अलावा मंत्रालय इस संक्रमण को रोकने की दिशा में काम करते हुए कोविड के मरीजों के लिए अलग अस्पताल तैयार करने पर जोर दे रहा है।
बुधवार को प्रेस वार्ता में लव अग्रवाल ने बताया कि देश इस समय तेजी से फैलने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के प्रयास में जुटा है। यह चुनौती भरा काम है। इसलिए इस संबंध में सभी संबंधित कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संदिग्ध गर्भवती महिलाओं के इलाज की विशेष व्यवस्था व स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक ट्रेनिंग पर भी जोर दिया जा रहा है।
देश में पर्याप्त मात्रा में है हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मलेरिया की दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की उपलब्धता पर पूछे गए सवाल पर कहा कि देश में दवा की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता अनुसार दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसकी स्थिति की निगरानी उच्चस्तरीय स्तर पर की जा रही है। इसलिए देश में इस दवा की कही कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग इस दवा को बिना डॉक्टरी सलाह के न लें। इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं, इसलिए सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों व कोविड के मरीजों की देख रेख करने वालों को ही डॉक्टरी सलाह से एचसीक्यूसी लेने की सलाह दी गई है।
139 सरकारी लैब और 65 निजी लैब कर रहे हैं कोविड के टेस्ट
आईसीएमआर के मुताबिक देश में कोविड के मरीजों के सैंपल की जांच करने के लिए लैब की संख्या बढ़ा दी गई है। देश में अब 139 सरकारी लैब और 65 निजी लैब कोरोना के सैंपल की जांच कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 13,345 टेस्ट किए गए हैं जिसमें 2266 टेस्ट निजी लैब में किए गए। कुल मिलाकर देश में 1 लाख 21 हजार 271 टेस्ट किए जा चुके हैं।