वैसे तो आप बहुत से तीर्थ स्थानों के बारे में जानते होंगे. बता दे कि ऋषिकेश भी इन्ही में से एक है और इस देवस्थान से जो खबर मिली है, वो आज कल खूब वायरल हो रही है. जी हां अगर खबरों की माने तो ऐसा कहा जा रहा है कि कल शाम को ऋषिकेश में एक साधु ने गंगा में बहते हुए एक डमरू को देखा था, मगर जब वो उस डमरू को उठाने लगा, तब वो उसे नहीं उठा पाया. जिसके चलते डमरू के किनारे पर आते ही उसने कई लोगो को वहां बुला लिया और फिर उन सब लोगो ने मिल कर डमरू को उठाने की कोशिश की, पर यह कोशिश भी सफल न हो सकी. ऐसे में लोग थक कर उस डमरू से पीछे ही हट गए.
मगर लोगो ने उस डमरू की पूजा करना जरूर शुरू कर दिया. वही साधु का कहना है, कि यह डमरू स्वयं महादेव का है और इसलिए इसे या तो पार्वती माँ उठा सकती है या फिर खुद महादेव उठा सकते है. वैसे आपको बता दे कि भक्ति से प्रेम करने वाले लोगो के लिए उत्तराखंड का ऋषिकेश किसी स्वर्ग से कम नहीं है. इसके इलावा जो लोग हरिद्वार जाते है वे यहाँ जरूर आते है. गौरतलब है कि यहाँ ऊँचे ऊँचे पहाड़ो से निकलने वाली पवित्र गंगा, त्रिवेणी में संगम और राम लक्ष्मण झूले की सुन्दता आपको इसकी तरह खींच ही लाएगी. फिर भी जो लोग यहाँ काफी दिनों से या कई सालो से नहीं आये है, उनके लिए भी हम अच्छी खबर लाये है.
जी हां बता दे कि पहले के मुकाबले ऋषिकेश काफी बदल चुका है. दरअसल इन दिनों इसकी स्वछता में काफी बदलाव आया है. इसके इलावा ऋषिकेश में पहले गंगा के दोनों तरफ ही कच्ची सड़क होती थी, जो काफी उबड़ खाबड़ थी और जिसकी वजह से लोगो को काफी परेशानी भी होती थी. इसके साथ ही ऋषिकेश में पहले न तो बैठने की सुविधा थी और न ही साफ़ पानी पीने का कोई प्रबंध था. मगर अब केवल कुछ ही महीनो में इसका पूरा ढांचा बदल चुका है. वैसे इसमें कोई दोराय नहीं कि यहाँ रोज हजारो लोग घूमने और गंगा में डुबकी लगाने के लिए आते है. खास कर सावन के महीने में लोगो का मानो मेला सा लग जाता है.
ऐसे में प्रशासन ने लोगो की भक्ति देखते हुए यहाँ अच्छी व्यवस्था कर दी है. बता दे कि गंगा के दोनों तरफ पक्की सड़क बन जाने के बाद इसकी खूबसूरती और भी बढ़ गई है. इसके इलावा अब यहाँ बैठने के लिए बेंच और जगह जगह पर पानी पीने के लिए नल लगा दिए गए है. इसके साथ ही यहाँ शेड भी मौजूद है, ताकि लोग बारिश से आसानी से बच सके. गौरतलब है, कि इस व्यवस्था के बाद सैलानियों के साथ साथ विदेशी सैलानी भी यहाँ आकर काफी खुश होते है. शायद यही वजह है कि अब वो यहाँ आकर काफी लम्बा समय यहाँ गुजारते है और अब लोगो को भी यहाँ आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.