वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने लोगों में कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान शुरू कर दिया है। इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए भोपाल स्थित एडवांस्ड मैटेरियल्स ऐंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एम्प्री) भी ग्रामीण स्तर पर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने की कोशिशों में जुट गया है।
सीएसआईआर से संबद्ध एम्प्री ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 50 गांवों में कोविड-19 के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। संस्थान ने जागरुकता के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ फेस मास्क जैसे निजी सुरक्षा उपकरणों और कीटाणुनाशक साबुन के वितरण का बीड़ा उठाया है। एम्प्री की इस पहल से कोविड-19 के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को ग्रामीण स्तर पर तेज करने की सीएसआईआर की कोशिशों को बल मिल सकता है। इन दोनों राज्यों में स्थित एम्प्री सीएसआईआर की एकमात्र प्रयोगशाला है। मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में जागरुकता का प्रसार और निजी सुरक्षा उपकरणों का वितरण दो चरणों में किया जा रहा है।
प्रथम चरण में मध्य प्रदेश के भोपाल और सीहोर जिलों के गांवों में यह अभियान शुरू किया गया है। जिन स्थानों पर इस मुहिम की शुरुआत की गई है, उनमें भोपाल का बेरसिया, शाहपुर, रताताल, करसर, बरखेड़ी हज़ाम एवं खजुरी शामिल है। सीहोर ब्लॉक का भुखेड़ी, खेरी, अल्ला, निपानिया तथा मोहोडिया गांव और आष्टा ब्लॉक के खजुरियाकसम, नीलबड, अरोलियापर, सेवदा, दरखेड़ा तिगरिया, अरनियागाज़ी और कर्मनखेड़ी भी इस मुहिम में शामिल हैं।
सीएसआईआर-एम्प्री के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में ग्रामीण लोगों में जागरूकता पैदा करना, स्वच्छता, हाथ धोने, अफवाहों को फैलने से रोकने और सतर्कता बरतने के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके लिए हिंदी भाषा में प्रचार सामग्री के रूप में पर्चे और पोस्टर तैयार किए गए हैं। ग्रामीणों की मदद के लिए इस पहल का दायरा बढ़ाने के लिए भी योजना भी बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रारंभिक तौर पर लगभग 15 गांवों में यह अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के गांवों में भी इसी तरह का कार्य किया जाएगा।