कोविड-19 मरीज के साथ करीबी संपर्क में आने वाले सभी को कोरोना का खतरा नहीं


कोरोना पीडि़तों के नजदीकी संपर्क में आने वालों को संक्रमण का डर ज्यादा रहता है। इस पर अध्ययन पहली बार सामने आया है कि, यह खतरा कितना अधिक है। इससे पता चलता है कि सबसे ज्यादा खतरा घर में साथ रहने, भोजन करने और सफर करने वालों को हो सकता है। दूसरा, नजदीकी संपर्क में आए सभी लोगों को संक्रमण की आशंका नहीं है। लांसेट में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया है। यह शोध शेनजेन (चीन) स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने 14 जनवरी से 12 फरवरी के बीच किया। इस दौरान शेनजेन में कोरोना के 391 संक्रमित पाए गए थे। इन लोगों के नजदीकी संपर्कों की सूची बनाकर उनकी जांच की गई। सीडीसी ने शोध के दौरान नजदीकी संपर्क में आए लोगों को 3 श्रेणियों में रखा। पहली श्रेणी में वे लोगों थे जो संक्रमित व्यक्ति के साथ घर में रहते थे। दूसरी श्रेणी में वे नजदीकी संपर्क रखे गए, जिन्होंने संक्रमित व्यक्ति के साथ यात्रा की, जबकि तीसरी श्रेणी में ऐसे लोग जिन्होंने संक्रमित के साथ भोजन किया था।


रिपोर्ट के अनुसार, 686 ऐसे नजदीकी संपर्क थे जो संक्रमितों के साथ एक घर में रहते थे। इनमें से 77 व्यक्ति यानी 11.2 फीसदी लोग संक्रमित निकले। 318 व्यक्ति जो यात्रा के दौरान संपर्क में आए थे, उनमें से 18 यानी 5.7 फीसदी कोरोना पॉजिटिव निकले। साथ ही, भोजन करने वाले 707 में से 61 लोगों को कोविड संक्रमण पाया गया, यानी 8।6 फीसदी लोग इस दौरान संक्रमित हुए। इन तीनों श्रेणियों के संक्रमण की दर को मिला लिया जाए तो यह 25.5% के करीब होती है। कोरोना को लेकर जिस प्रकार भय का माहौल है, उससे ये आंकड़े राहत देते हैं लेकिन विश्व के हर हिस्से में यह दर अलग-अलग यानी इससे कम या ज्यादा भी हो सकती है।


वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी विभाग के निदेशक डॉ.जुगल किशोर का कहना है कि यह ठीक है कि साथ रहने वालों में संक्रमण की दर सर्वाधिक है लेकिन इसमें कई और कारक भी काम करते हैं। मसलन, एक घर में लोग कितनी जगह में रहते हैं या कितनी संख्या में रहते हैं। उन लोगों को पहले से कोई बीमारी तो नहीं है, उनमें ज्यादा आयु के लोग तो नहीं हैं आदि। दूसरे घर के भीतर किसी बीमारी की 11.2% संक्रमण दर भी ज्यादा ही है। बुखार, सूखी खांसी, थकान-कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और नींद से जागने पर भ्रम की स्थिति आदि को संक्रमण का स्पष्ट संकेत माना गया है। इसके अलावा खराश, सिरदर्द, कंपकंपी, मांसपेशियों में तनाव और मुंह का स्वाद बिगड़ने या सूंघने की क्षमता जैसे लक्षण भी हाल में शामिल किए हैं।

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