भगवान श्री कृष्ण जी अपने बचपन से तरह तरह की लीलाएँ रची है जिसने ना सिर्फ प्रजा और अपने चहेतों की सुरक्षा की है बल्कि सभी का दिल भी जीता है। आपको बताना चाहेंगे की महाभारत के भयंकर युद्ध में श्री कृष्ण ने ढेरों लीला रची थी और बिना कोई अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग किए पांडवों को जीत का स्वाद चखाया। बता दे की इन्ही सब के बीच महाभारत के युद्ध में भगवान ने एक बड़ी ही अनोखी लीला रची थी जिसके पीछे की वजह बहुत ही कम लोगों को मालूम है।

उल्लेखों से पता चलता है की महाभारत के युद्ध में जाने से पहले भगवान श्री कृष्ण प्रतिदिन मूंगफली खाते उसके पश्चात युद्ध की ओर प्रस्थान करते और यह उनका दैनिक नियम बन चुका था। असल मे उनके मूंगफली खाने के पीछे एक गहरा रहस्य छिपा हुआ था, जिसेके बारे में केवल एक ही व्यक्ति को जानकारी थी और वे थे उडुपी राज्य के राजा। ऐसा माना जाता है की भगवान की इस लीला के पीछे एक कथा है, बता दे की जब पांडवों और कौरवोंं के बीच युद्ध छिड़ा तो देश-विदेश के राजाओं को युद्ध में उनकी तरफ से शामिल होने को सन्देश भेजा था जिसमे कई राजा शामिल हुए मगर उनमे से एक ऐसे राजा भी थे जो किसी के पक्ष से न लड़ते हुए भी युद्ध में सम्मलित हुए और वो थे उडुपी राज्य राजा उडुपी।
असल में राजा उडुपी का मानना था की इस महाभारत के युद्ध में हजारो लाखो सैनिक लड़ेंगे, पूरा दिन युद्ध करने के बाद शाम में उन्हे प्रचुर मात्रा में भोजन भी चाहिए होगा जिसका जिम्मा खुद उन्होने श्री कृष्ण से आग्रह किया था। उनकी बातों से भगवान बहुत प्रसन्न हुए थे और उन्होंने राजा उडुपी को आज्ञा दे दी। मगर इसके बाद राजा उडुपी के सामने एक नई समस्या आ गयी। उनका मानना था की हर दिन युद्ध के बाद लौटने वाले सैनिकों की संख्या कम हो जाती है और कितनी कम होती है इसका भी अंदाज़ा नही रहता और समस्या यह थी की सैनिकों के लिए कितना खाना बनाया जाए। ऐसे में यदि किसी दिन कम खाना बनाया जाए तो उस दिन सैनिक भूखे मर जाएंगे और जिस दिन यदि खाना ज्यादा बन जाए तो बर्बाद होने पर अन्नपूर्णा का अपमान होगा।
