उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक तीन तलाक पीड़िता पर उसके पिता से भी बड़ी उम्र के व्यक्ति के साथ हलाला करने का दबाव बनाया जा रहा है। जिसके चलते पीड़िता ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की है। इसी मामले में पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिल रही है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद भी पीड़िता के बयान तक दर्ज नहीं किए। मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद पीड़िता का मामला दर्ज किया गया।
पेशे से डॉक्टर है तीन तलाक पीड़िता
बता दें कि सहारनपुर की रहने वाली रबिया का निकाह करीब 3 साल पहले उत्तराखंड के रहने वाले मुनीर के साथ हुआ था। पीड़िता पेशे से डॉक्टर है। डॉ राबिया के अनुसार पति के साथ वह एक दिन घूमने के लिए गई थी वहां किसी बात काे लेकर हुई मामूली कहासुनी के बाद पति ने अपने मामा के कहने पर उसे 3 बार तलाक-तलाक-तलाक कहते हुए तलाक दे दिया था। इस घटना के बाद पीड़िता अपने मायके चली आई थी।
मामा ने हलाला के लिए बनाया दबाव
डॉ राबिया के अनुसार, वह अभी तक अपने साथ तलाक की घटना से उबरी नहीं थी कि ससुराल वालाें ने उस पर 'हलाला' का दबाव बनाना शुरु कर दिया। पीड़िता की मानें ताे उसके पति मुनीर ने भी अपने मामा या छाेटे भाई यानि देवर के साथ हलाला करने काे कहा जब मामा के साथ हलाला करने का दबाव बनाया गया ताे राबिया काे शक हुआ कि मामा ने साजिश के तहत पहले तलाक दिलवाया और मामा ने ही हलाला करने का दबाव बनाया।
पुलिस ने मामले में दिखाई लापरवाही
इस पर पीड़िता ने पुलिस थाने पहुंचकर रिपाेर्ट दर्ज कराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और सीएम याेगी आदित्यनाथ काे भी अपनी व्यथा लिखी, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ सकी। अब पीड़िता की गुहार पर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने इस मामले का संज्ञान लिया ताे पीड़िता के बयान दर्ज हाे सके।
जिलाधिकारी ने मामले में लिया संज्ञान
पीड़िता ने बताया कि जैसा उसके साथ हुआ है ऐसा किसी अन्य के साथ ना हाे यही साेचकर वह इस मामले काे पुलिस थाने तक लेकर आई है। वह मजबूती के साथ अपनी लड़ाई काे लड़ेगी, वहीं जिलाधिकारी ने पीड़िता की पूरी व्यथा सुनकर कार्रवाई के आदेश दिए है।