समय का खेल बड़ो-बड़ो को दर दर भटकने पर मजबूर कर देता है। भीख मांग रहे एक बुजुर्ग को जब लालगंज तहसील के रालपुर के अनंगपुरम स्कूल के स्वामी भास्कर स्वरूप जी महराज द्वारा नहलाया धुलाया गया और उसके पास से ही मिले कुछ कागजी अभिलेखों का मिलान किया गया तो वो बुजुर्ग करोडपति व्यापारी निकला। स्वामी जी के द्वारा कागज से मिले पते पर सूचना दी गई तो उसकी पुत्री रालपुर पहुंची और उसने अपने पिता को साथ ले गई। इस आदमी की पहचान का मुख्य जरिया बना आधार कार्ड जिसके माध्यम से उसकी पहचान और निवास का पता चला।
तब जाकर वो व्यक्ति कुछ देर के बाद सामान्य हालत मे दिखाई पडा तो उसके नाई से बाल कटवाकर जब नहलाया धुलाया गया तो अचानक वो सभी से भली भांति बातचीत भीबकरने लगा। स्वामी जी ने बताया कि उसके पुराने कपडे उतरवाकर धुले कपडे दिये गये और जब पुराने कपडो की तलासी ली गई तो उससे आधार कार्ड सहित 1 करोड़ छह लाख 92 हजार 731 रूपये के एफडी के कागजात भी बरामद हुये हैं।
आपको बता दें की बुजुर्ग मुथैया नादर के पास से एक छह इंच लम्बी तिजोरी की चाबी भी बरामद हुई है। उसके पास से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान मुथैया नादर पुत्र सोलोमन पता-240 बी नार्थ थेरू, तिरूनेलवेली तमिलनाडु, 627152 के रूप मे हुई। बुजुर्ग के पास मौजूद कागजातो मे उसके घर के फोन नम्बर भी दिए हुए थे।
बताया जाता है कि स्वामी जी ने फोन नम्बरो पर जब सम्पर्क किया तो उसके घरवालो ने बताया कि वे लोग मुथैया नादर को जगह जगह ढूंढ रहे है। सूचना पाकर उसकी पुत्री गीता तमिलनाडु से हवाई जहाज द्वारा लखनऊ पहुंची। बुजुर्ग की बेटी अपने पिता को पहचानकर उनसे मारे खुसी के लिपट गयी व स्वामी जी को लख लख बधाइयां दी। गीता अपने पिता को हवाई जहाज से तमिलनाडु ले गयी। उसकी पुत्री गीता ने बताया है कि उसके पिता 5-6 माह पहले रेल यात्रा के दौरान गुम हो गये थे।