धरती का भगवान कहा जाने वाला डॉक्टर अब हैवान बन गया है। इसकी ताजा उदाहरण एटा में देखने को मिली है। जहां जिला महिला चिकित्सालय में भयंकर दर्द से कराहती महिला को डॉक्टर और नर्स ने धक्के देकर गेट के बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं महिला ने अस्पताल के गेट पर ही नवजात बच्चे को जन्म दे दिया, किन्तु बच्चे को उपचार ना मिलने पर उसकी देहांत हो गई।
भयंकर दर्द से कराहती महिला को निकाला बाहर
दरअसल, थाना पिलुआ के ककरावली गांव के रहने वाले फूलेन्द्र कुमार भयंकर दर्द से कराहती अपनी पत्नी रूबी को लेकर सुबह जिला अस्पताल पहुंचे। घंटों इंताजार के बाद भी जब उसका पर्चा नहीं बना तो प्रसूता का पति वहां मौजूद डॉक्टरों और नर्स से दर्द से कराहती अपनी पत्नी को देखने की हाथ जोड़कर मिन्नते करता रही। वहीं इस दौरान डॉक्टर और नर्स ने उसे फटकार लगा दी।
अस्पताल के गेट पर दिया नवजात को जन्म
कुछ देर बाद जब उसने फिर डॉक्टरों से बीवी को देखने की गुजारिश की तो वहां मौजूद नर्सों ने उसकी पत्नी को धक्का देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया। मजबूर पति अपनी पत्नी को लेकर अभी अस्पताल के गेट पर ही पहुंचा था कि उसकी पत्नी को प्रसव हो गया और कुछ पलों के लिए नवजात के रोने की आवाज सुनकर परिजनों के खुशी के आंसू छलक उठे, लेकिन शायद ये उनका दुर्भाग्य था कि कुछ पलों बाद ही नवजात को पर्याप्त उपचार न मिल सकने के चलते उसकी देहांत हो गई और दो बेटियों के बाद नवजात बेटे की मौत से पूरे परिवार की खुशियां काफूर हो चुकी थी।
इलाज ना मिलने के वजह नवजात की हुई मौत
जिला अस्पताल के गेट पर हुए प्रसव के बाद जिला चिकित्सालय में अफरा तफरी मच गयी और मामले को दबाने के लिए आनन फानन प्रसूता को बेड भी उपलब्ध करा दिया गया और मौके पर पहुंचे सीएमएस साहब अपने कर्मचारी को बचाते नजर आए, किन्तु मीडिया द्वारा जिला अस्पताल में आए दिन होने वाली इस तरह की घटनाओं के मामले के प्रश्न पर उन्होंने लापरवाही को स्वीकार करते हुए जांच कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
डीएम ने घटना पर किया अफसोस