जिला पाली के पास ही उमरगढ़ नामक गाँव में अर्चना रागी अपने मम्मी और पापा के साथ रहती थी। वह पाली के एक कालेज में स्नातक की छात्रा थी। अर्चना अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। उसके ही स्कूल में पढ़ने वाले आशीष राणा से उसे प्यार हो गया। आशीष, अर्चना को बहुत ही पसंद करता था। अर्चना भी उस पर जान छिड़कती थी। मगर आज के समय के प्यार का पता नहीं कब दम तोड़ दे। खैर, अर्चना और आशीष ने साथ-साथ स्नातक की परिक्षा पास की।
अर्चना ने उसी कालेज से एम.ए. करना शुरू किया और आशीष जयपुर आकर एक प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा। अर्चना पढ़ने में बहुत ही होशियार थी। जयपुर में जाकर आशीष एक लड़की पर फिदा हो गया। इधर अर्चना रातों में आशीष के सपने देखती रहती थी। आशीष जब भी आता अर्चना से शादी का वादा करता और बाहर जाकर दोनों मस्ती करते। एक दिन आशीष के दोस्त ने जब अर्चना के साथ आशीष को देखा तो वह हैरान रह गया और मौका मिलते ही उसने आशीष के बारे में सबकुछ अर्चना को बता दिया।
09 अक्टूबर 2019 को आशीष जयपुर से पाली आया और वही चौराहे पर उसकी मुलाकात अर्चना से हो गई। अर्चना, आशीष से शादी करने के लिए जिद करने लगी। बातों-बातों में उन दोनों को रात का 11 बज गया। अर्चना अपनी जिद पर अड़ी थी और इसी तना-तनी में आकर आशीष ने चाकू निकाला और अर्चना की हत्या कर दी। अर्चना की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जब पास की सीसी टीवी खंगाली तो यह कहानी सामने आयी। आशीष इस समय पुलिस की हिरासत में है। किन्तु एक प्यार की पुजारिन एक बेफफा के चक्कर में अपनी जान दे बैठी।