फैशन इंडस्ट्री के चीनी कनेक्शन के कारण इटली में बरपा कोरोना का कहर
byAjay Pathaak-
एशियाई देश चीन से फैले घातक कोरोना वायरस के यूरोपीय देश इटली में इसके सबसे ज्यादा संक्रमण को लेकर जो कनेक्शन सामने आया है वह फैशन इंडस्ट्री से जुड़ा है। इटली में मरने वालों की संख्या चीन के करीब जा पहुंची है। एशिया में चीन तो यूरोप में इटली नोवेल कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है। इटली का उत्तरी हिस्सा फैशन और गारमेंट इंडस्ट्री के कारण फल-फूल रहा है। प्रतिष्ठित वैश्विक ब्रांड जैसे कि गुची और प्राडा का यही बेस है। चूंकि चीन दुनिया को सस्ता मैनुफैक्चरिंग उपलब्ध कराता है इसलिए इटली के ज्यादातर फैशन ब्रांड चीन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इटली के इन फैशन हाउस में सस्ते कामगारों के रूप में चीनी श्रमिकों को हायर किया गया है, जिनमें से अधिकांश वुहान के नागरिक हैं। यहां यह बताना बेहद महत्वपूर्ण है कि इटली से वुहान के लिए सीधी फ्लाइट है और इटली की फैक्ट्री में एक लाख से अधिक चीनी नागरिक काम करते हैं। चीनी नागरिकों ने धीरे-धीरे करके इटली में अपनी पैठ बना ली है और यहां कई फैशन फर्म के मालिक चीनी नागरिक हैं। वहीं, एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि यहां करीब 3 लाख चीनी है और उनमें से 90 फीसदी लोग इटली की गारमेंट फैक्ट्री में काम करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये हजारों छोटी कंपनियां है जो कि निर्यात का काम करती हैं। ये क्षेत्र आपस में जुड़ हुए भी हैं।
इस सच्चाई को देखने के बाद भी इटली के प्रशासन की नींद कोरोना वायरस के खतरे को लेकर देर से खुली और जब खुली तो यह तेजी से फैल चुका था। अब तक इटली में 2,978 लोगों की मौत हो चुकी है और 35,713 लोग संक्रमित हैं, जबकि चीन में मौत का आंकड़ा 3245 है। विशेषज्ञों का मानना है कि नोवेल कोरोना वायरस ने इटली पर दो तरह से अटैक किया है। पहले तो यहां मृतकों की संख्या काफी ज्यादा है। करीब 60 प्रतिशत आबादी 40 या उससे ऊपर है, जिनमें से 23 प्रतिशत आबादी 65 फीसदी है। इसके कारण देश की एक चौथाई आबादी खतरे की जद में हैं। दूसरा, अर्थव्यवस्था से जुड़ा है और जिस पर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह देश की 100 अरब डॉलर की फैशन इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा क्योंकि अधिकांशतः यह चीन पर निर्भर है न सिर्फ सस्ते मैन्युफैक्चर के लिए बल्कि चीन के अरबों के उपभोक्ता मार्केट के कारण।