लखनऊ के लोहिया पथ पर एक 20 से 22 साल का युवक अपने पीठ पर गुब्बारे लेकर हाथों में चप्पल फंसाकर घिसटता हुआ चलता है। लोगों को लगता है कि वह दिव्यांग है, लेकिन उसके पैर ठीक हैं। वह लोगों की भावना से खिलवाड़ कर रुपये वसूलता है और नशा करता है। इंदिरानगर तकरोही का रहने वाला यह युवक लोहिया फन मॉल से लेकर रिवर फ्रंट तक अकसर शाम पांच बजे से रात एक बजे नजर आता है। उसकी झूठी कहानी पर लोग भरोसा करते हैं।
लोगों को सुनाता है अपनी झूठी दर्द भरी कहानी
युवक लोगों को बताता है कि वह सक्सेना इंटर कॉलेज में पढ़ता है। बाराबंकी का है। पिता ढाई साल से घर नहीं आए हैं। मां बीमार रहती है। एक छोटा भाई है। परिवार की जिम्मेदारी उसी पर है। कोई भी उसकी इस झूठी कहानी पर भरोसा कर लेता है।
लेकिन हकीकत है काफी ज्यादा अलग
युवक का परिवार इंदिरानगर के तकरोही में रहता है। वह नाम भी गलत बताता है। पिता पेंटिंग का काम करते हैं। मां फल का ठेला लगाती है। एक भाई भी है। पिता ने बताया कि उनका बेटा दिव्यांग नहीं है। उसकी वीडियो दिखाई गई, तो वहां मौजूद दूसरे लोग भी कहने लगे कि युवक दिव्यांग नहीं है। पिता ने बताया कि बेटा गलत संगत में पड़कर नशे का आदी हो गया है।
पिता की ख्वाहिश...आगे सुधर जाए बेटा तो
पिता की ख्वाहिश है कि उसका बेटा सुधर जाए। उसकी नशे की लत छूट जाए। इसके लिए प्रशासन चाहे तो उसे सुधार गृह में भेज दे। वह प्रशासन की इस कदम के लिए हर संभव मदद करने को तैयार है।