सूत्रों के अनुसार नानूर थाना अंतर्गत बांसपाड़ा गांव स्थित अपने घर से माकपा नेता सुभाष चंद्र दे बाइक से 18 अक्टूबर की सुबह बोलपुर गए थे। बताया गया कि सुभाष सूचपुर नरसंहार कांड के मुख्य आरोपित भी था। बोलपुर में काम निपटाने के बाद वह एलआइसी एजेंट शेख नासिर के साथ इलमबाजार चले गए थे। रात आठ बजे अंतिम बार उनकी बात अपनी पत्नी के साथ हुई थी। इसके बाद ही सुभाष लापता हो गए थे।
19 अक्टूबर की सुबह माकपा नेता की बाइक तृणमूल नेता करीम खान के बीएड कालेज के सामने बरामद हुई थी। इसके बाद ही परिजनों ने नानूर थाने में सुभाष की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। जांच में जुटी पुलिस को माकपा नेता के मोबाइल टावर की अंतिम लोकेशन दुबराजपुर का खोजमोहम्मदपुर गांव मिला। इसके बाद उक्त गांव पहुंची पुलिस ने एक दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो माकपा नेता सुभाष चंद्र की हत्या का रूह कंपा देने वाला खुलासा हुआ।
पुलिस का दावा है कि आरोपित मतिउर रहमान ने बताया कि माकपा नेता के उसकी पत्नी सोनाली बीबी के साथ अवैध संबंध थे। घटना वाले दिन उसने सुभाष चंद्र को अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। गुस्साए मोतिउर ने लोहे की रॉड से सिर पर प्रहार कर माकपा नेता की हत्या कर दी थी। साक्ष्यों को मिटाने के इरादे से शव के कई टुकड़े कर दो बोरों में भर दिए थे। इसके बाद सुभाष की ही बाइक पर बोरों को लादकर ले गया था। एक बोरे को अजय नदी में फेंक दिया था जबकि दूसरे बोरे को दुबराजपुर में मिट्टी के नीचे दबा दिया था।