सूचना के आधार पर असम राइफल्स ने एक संदिग्ध रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। सिलचर के बेरेंगा बागधारा में रह रहा था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान आलम हुसैन मजूमदार उर्फ आलम हुसैन चौधरी के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि आलम म्यांमार के रखातान का निवासी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आलम ने यहां की स्थानीय लडक़ी से विवाह भी कर ली थी। उसने पैन कार्ड, वोटर आई, बैंक पासबुकें और अन्य आवश्यक दस्तावेज हासिल कर लिए थे। वह बगाधर पार्ट चार में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।
अधिकारियों के मुताबिक संदेह है कि आलम कुछ आतंकी संगठनों के लिए जासूस के रूप में काम कर रहा था। आलम पहले फर्जी पहचान के आधार पर बांग्लादेश गया। बाद में सऊदी अरब और पाकिस्तान गया। बाद में वह बांग्लादेश से वापस आ गया और इंडिया में घुसपैठ की। कुछ दिनों के लिए वह हाफलोंग में भी रूका था। उसके पास से कई फर्जी और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बांग्लादेश से इंडिया में घुसने की प्रयाश कर रहे 12 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों ने त्रिपुरा में इंडिया बांग्लादेश सीमा से लगी जीरो लाइन को छोडऩे से मना कर दिया है।
इनमें दो औरतें और पांच बच्चे शामिल है। बीएसएफ के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया है कि 12 शरणार्थियों ने गुरुवार को पश्चिम त्रिपुरा में बोक्सानगर बॉर्डर के जरिए बांग्लादेश से इंडिया में घुसने की प्रयाश की। लेकिन हमारे जवानों ने उन्हें इंडिया में घुसने से रोक दिया। आपको बता दें कि २०१६-१७ से पहले म्यांमार में करीब 1 मिलियन रोहिंग्या रह रहे थे। दिसंबर 2017 तक करीब 6 लाख 25 हजार शरणार्थियों ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से बांग्लादेश में शरण ली थी।